रामप्रकाश केसरवानी को डाॅ. खूबचंद बघेल "कृषक रत्न" छत्तीसगढ़ राज्य सम्मान
छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण |
रामप्रकाश |
जांजगीर चांपा के कलेक्टर श्री ओ. पी. चैधरी ने श्री रामप्रकाश केसरवानी को डाॅ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न राज्य अलंकरण सम्मान प्राप्त करने पर बधाई देते हुए उन्हें जिले का गौरव निरूपित किया है। वे जिले के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे, ऐसा विश्वास व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि श्री रामप्रकाश केसरवानी छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध माखन वंश के पौध हैं। सन् 1926 में माखन साव के पौत्र श्री आत्माराम साव को ब्रिटिश सरकार द्वारा जिले के कृषि सम्मेलन में ‘‘उत्कृष्ट कृषक‘‘ का रजत पदक प्रदान किया था। माखन साव परिवार में कृषि के क्षेत्र में मिलने वाला यह दूसरा सम्मान है। माखन साव शिवरीनारायण तहसील के आनरेरी बेंच मजिस्ट्रेट थे। इसके अलावा इस परिवार में उनके सुपुत्र श्री खेदूराम साव और श्री आत्माराम साव भी आनरेरी बेंच मजिस्ट्रेट थे। श्री रामप्रकाश न केवल जिले के बल्कि माखन साव परिवार के गौरव हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण से सम्मानित किय जाने पर पूरा माखन साव परिवार गौरवान्वित है। श्री रामप्रकाश को पूर्व में कृषक समृद्धि मिशन के द्वारा ‘‘कृषक समृद्धि सम्मान‘‘, पौधा किस्म संरक्षण एवं कृषक अधिकार प्राधिकरण नई दिल्ली एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा प्रशस्ति पत्र दिया गया था। सामुदायिक बीज बैंक के उद्घाटन के अवसर पर फसल जैव विविधता प्रदर्शनी रायपुर में कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। यह भी उल्लेखनीय है कि श्री रामप्रकाश मोतीलाल नेहरू फारमर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट फूलपुर, इलाहाबाद और कृषि विज्ञान केंद्र जांजगीर में उन्नत कृषि संरक्षण और वानिकीकरण का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
किसानों के प्रेरणास्रोत हैं रामप्रकाश:-
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा डाॅ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न 2015 राज्य अलंकरण प्राप्त प्रगतिशील कृषक श्री रामप्रकाश केसरवानी प्रदेश के अन्य किसानों के प्रेरणास्रोत बन गये हैं। रायपुर के ग्राम जोरा में 26 से 28 दिसंबर 2015 तक आयोजित राष्ट्रीय कृषि मेला में शिरकत करने आये श्री रामप्रकाश ने बहुत ही सहज स्वर में बताया कि वे परंपरागत किसान हैं। उनके द्वारा श्री साधराम साव के द्वारा सन 1950 में खरीदी ट्रेक्टर जो आज भी चालू है, के द्वारा खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें आधुनिक कृषि यंत्रों के द्वारा खेती करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने विभिन्न कृषि केंद्रो और संस्थानों के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया और नई कृषि तकनीक से खेती करने लगे। वे उचित दर पर अन्य किसानों को भी कृषि उपकरण मुहैया कराते हैं। कृषि के क्षेत्र में नित नये बदलाव को ध्यान में रखकर कृषि विभाग के अधिकारियों के सहयोग और मार्गदर्शन में अपने 15 एकड़ कृषि जमीन में खरीफ और रबी फसलें ले रहे हैं। इसके अलावा खेत के मेंढ़ों में कृषि वानिकी के तहत नीलगिरि, बांस और सागौन के पेड़ लगाकर अधिक मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं और अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने फसल की 35 किस्मों का पेटेंट भी कराया है।
पद्मविभूषण पुरस्कार के लिए प्रस्ताव |
छत्तीसगढ़ शासन का खूबचंद बघेल कृषि सम्मान लेते हुए |
केन्द्रीय कृषि मंत्री के द्वारा पुरस्कार ग्रहण करते हुए |
रामप्रकाश का परिवार |
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