माखन साव वंश का सराहनीय कार्य

 माखन साव वंश का सराहनीय कार्य 


कुलदेव और कुलदेवी मंदिर शिवरीनारायण 
प्रो अश्विनी कुमार 
 छत्तीसगढ़ प्रदेश के धार्मिक नगरी शिवरीनारायण के सुप्रसिद्ध माखन साव परिवार की धर्मप्रियता और समाजसेवा अनुकरणीय और स्तुत्य है। छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी और पुण्यतोया चित्रोत्पलागंगा के पावन तट पर कुलदेव महेश्वरनाथ महादेव, कुलदेवी शीतला माता के भव्य मंदिर का निर्माण संवत् 1890 में माखन साव ने कराया था। नदी के तट पर घाट का निर्माण, बजरंगबली और जगन्नाथ मंदिर की स्थापना, अपने मालगुजारी गांव हसुवा में छुहिया तालाब और उसके तट पर महेश्वर महादेव का मंदिर, माखव साव के भतीजा श्री बैजनाथ साव ने, लखुर्री में माखन साव के प्रपौत्र श्री प्रयाग साव ने महेश्वर महादेव तथा झुमका में भी माखन साव के प्रपौत्र बलराम साव ने बजरंगबली का मंदिर निर्माण कराकर अपनी धर्मप्रियता का परिचय दिया है। लखुर्री के प्रयाग साव ने अपने सखा रामचंद्र भोगहा की प्रेरणा से शिवरीनारायण के मंदिर परिसर में बजरंगबली और जगन्नाथ जी की मूर्ति स्थापित कराया था। इसी प्रकार टाटा में अंडोल साव ने भी महेश्वर नाथ की स्थापना करायी थी।
कुलदेवी शीतला माता शिवरीनारायण 

माखन साव के पौत्र श्री आत्माराम साव ने अपने दादा जी की स्मृति में शिवरीनारायण में एक स्कूल भवन बनवाकर दिनांक 06.05.1935 को शासन को समर्पित किया। आज इस स्कूल भवन में हायर सेकंडरी स्कूल लगता है। इसी प्रकार अपने कुलदेव के मंदिर प्रांगण में संस्कृत पाठशाला की स्थापना कर इलाहाबाद से पंडित रामचंद्र चतुर्वेदी के पिताजी को शिक्षक नियुक्त किया था। इस संस्कृत पाठशाला में इस परिवार के अनेक लोगों ने शिक्षा ग्रहण की थी। हसुवा और लखुर्री में भी स्कूल खुलवाकर शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। माखन वंश के लागों के द्वारा शिवरीनारायण, सारंगढ़, सोंठी, तालदेवरी, कटनी, इलाहाबाद, वृंदावन, केदारनाथ और बद्रीनाथ में धर्मशाला निर्माण कराया और निर्माण कार्य में आर्थिक सहयोग देकर स्तुत्य कार्य किया। आज भी शिवरीनारायण और सारंगढ़ में ‘‘केसरवानी भवन‘‘ के निर्माण के लिए न केवल भूमि उपलब्ध कराया बल्कि उसमें सर्वाधिक कमरों का निर्माण कराया। अपने सभी मालगुजारी गांवों में तालाब और कुंआ खुदवाया। इसके लिए अंग्रेज सरकार द्वारा माखन साव के पुत्र श्री खेदूराम साव को सन् 1899 में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया था। शिवरीनारायण का सभी कुँआ माखन साव के वंशजों बनवाकर अनुकरणीय कार्य किया है। माखन साव और उनके परिवारजनों का सारंगढ़ के राजा जवाहरसिंह, रायगढ़ के राजा नटवरसिंह और चक्रधरसिंह, बिलाईगढ़ के जमींदार प्रानसिंह, चांपा के जमींदार रामशरणसिंह, अकलतरा के जमींदार राणा विशालसिंह और बैरिस्टर छेदीलाल, भटगांव के जमींदार राजनाथ सिंह और मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री पंडित रविशंकर शुक्ला और उनके पुत्र श्री शारदाचरण शुक्ला, पंडित श्यामाचरण शुक्ला और श्री विद्याचरण शुक्ला आदि से मधुर और पारिवारिक संबंध थे।
उत्कृष्ट कृषक पुरस्कार 

माखन वंश के ज्येष्ठ पुत्र, लंबरदार और मालगुजार खेदूराम साव को 01.06.1894 को शिवरीनारायण तहसील के बेंच मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। इस पद पर उल्लेखनीय कार्य करने के लिए अंग्रेज सरकार द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया था। खेदूराम साव के ज्येष्ठ पुत्र, लंबरदार और मालगुजार श्री आत्माराम साव को भी दिनांक 31.05.1920 को अंग्रेज सरकार द्वारा जांजगीर तहसील के अंतर्गत शिवरीनारायण बेंच के मजिस्टेªट और दरबारी नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने मालगुजारी गांवों की संख्या 84 तक बढ़ाया, परिवार को यश और प्रतिष्ठा दिलायी। इस सद्कार्य में लखुर्री के साधराम-रामचंद्र साव और हसुवा के गिरीचंद्र-चंद्रिका साव का विशेष योगदान था। श्री आत्माराम साव को सन् 1926 में ‘‘उत्कृष्ट कृषक‘‘ का तमगा प्रदान किया गया था। श्री सूरजदीन साव इस वंश के एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने तीन पीढ़ी के साथ मालगुजारी की है-आत्माराम-सूरजदीन, श्याममनोहर-सूरजदीन और तुमागम प्रसाद-सूरजदीन। उन्होंने परिवार की निःस्वार्थ सेवा की और समूचे परिवार को एक सूत्र में पिरोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज वे हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी मधुर स्मृतियां हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। इस वंश के वंशज अनेक उच्च पदों पर कार्य किये और सेवानिवृत्त होकर सामाजिक कार्य कर रहे हैं। अभी भी अनेक वंशज उच्च पदों पर कार्यरत हैं। इस वंश में माखन साव के भाई श्री गोविंद साव के नाम का उल्लेख छत्तीसगढ़ के भारतेन्दु कालीन साहित्यकारों के साथ किया गया है:-

हीरा, गोविंद, उमराव, विज्ञपति भोरा रघुवर

विष्णुपुरी, दृगपाल, साव गोविंद ब्रज गिरधर

विश्वनाथ, बिसाहू, उमर, नृप लक्ष्मण छत्तीस कोट कवि

हो चुके दिवंगत ये सभी प्रेम, मीर, मालिक सुकवि।।

प्रशस्ति पत्र 

     ‘छत्तीसगढ़ गौरव‘ में पंडित शुकलाल पांडेय ने गोविंद साव को एक साथ सरस्वती और लक्ष्मी पुत्र माना है-‘‘गोविंद साव समान यहीं हैं लक्ष्मी स्वामी‘‘। इसी प्रकार टाटा के गनपत साव को अंग्रेज सरकार के द्वारा मेडल प्रदान किया गया है। शिवरीनारायण तहसील के तहसीलदार और भारतेन्दु हरिशचंद्र के सहपाठी तथा सुप्रसिद्ध साहित्यकार ठाकुर जगमोहन सिंह ने सन् 1884 में प्रकाशित अपनी रचना ‘‘सज्जनाष्टक‘‘ में माखन साव के बारे में लिखा है:-

                             माखन साहु राहु दारिद कहं अहै महाजन भारी।

                             दीन्हो घर माखन अरू रोटी बहुविधि तिनहो मुरारी।।

लच्छपती मुइ शरन जनन को टारत सकल कलेशा।

द्रव्यहीन कहं है कुबेर सम रहत न दुख को लेशा।

दुओधाम प्रथमहि करि निज पग कांवर आप चढ़ाई।

चार बीस शरदहु के बीते रीते गोलक नैना।

लखि अंसार संसार पार कहं मुंदे दृग तजि नैना।।


सर्वोत्तम सेवा पुरस्कार 
माखन वंश में आज भी परिवार के समस्त सुख और दुख के कार्य में ‘माखन साव परिवार‘ का उल्लेख कर गौरवान्वित होते हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश में माखन साव परिवार को प्रतिष्ठित परिवार माना जाता है। इस वंश के वंशजों की लंबी श्रृंखला है जिन्हें भादा-कमरीद परिवार, हसुवा परिवार, टाटा परिवार, लखुर्री परिवार, साजापाली परिवार के रूप में जाना जाता है। छ.ग. राज्य केसरवानी वैश्य सभा के अध्यक्ष प्रो. अश्विनी केशरवानी अखिल भारतीय केसरवानी वैश्य महासभा के शिक्षा समिति के राष्ट्रीय प्रमुख के बाद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के दायित्व निभा चुके हैं। बंशीलाल केसरवानी, डाॅ. रामलाल केसरवानी, डाॅ. शैलेन्द्र केसरवानी, इंजीनियर रामस्वरूप केसरवानी, सुप्रसिद्ध आर्किटेक्ट ई. रविन्द्र केशरवानी, ई. यीतेन्द्र कुमार, ई. प्रांजल कुमार, ई. अमित कुमार, ई. भूपेन्द्र कुमार, ई. रामस्वरूप केसरवानी के सुपुत्र ई. अमित कुमार मर्चेन्ट नैवी कम्पनी मुंबई में पदस्थ, डाॅ. आदित्य कुमार सुप्रसिद्ध न्यूरो सर्जन, डाॅ.सोनम आदित्य केशरवानी आपथेल्मोलाॅजिस्ट, और डाॅ. पंकज केशरवानी, डाॅ. परिजात अतुल केशरवानी, डाॅ. मुस्कान केशरवानी और डाॅ. ऋतुराज केशरवानी, देवेन्द्र केसरवानी संयुक्त कलेक्टर, राकेश केसरवानी, रवीन्द्र केसरवानी, अरूण केसरवानी, आशीष केसरवानी इस वंश के गौरव हैं। श्री शोभाराम केसरवानी खाद्य अधिकारी, श्री मोतीलाल केसरवानी रजिस्ट्रार, श्री पराऊराम केसरवानी खाद्य निरीक्षक, श्री शिवदत्त केसरवानी अनुविभागीय अधिकारी पी.एच.ई., श्री रामेश्वर केसरवानी प्रचार्य शासकीय उच्च. माध्य, विद्यालय, श्री तुमागम प्रसाद प्राचार्य शास. उच्च. माध्य. विद्यालय., श्री गणेशप्रसाद प्रबंधक जिला सहकारी बैंक, प्रो. बंशीलाल केसरवानी, प्रो. शंकरलाल केसरवानी उच्च शिक्षा और श्री सेवकलाल केसरवानी प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। श्री तिजाऊप्रसाद केसरवानी शिवरीनारायण के 11 वर्ष तक सरपंच रहे। इसी प्रकार श्री गोरेलाल केसरवानी और श्री बाबुलाल केसरवानी हसुवा के, श्री समारूलाल केसरवानी, श्री शिवभूषण केसरवानी और श्री भगवान प्रसाद कमरीद के, श्री हेमलाल केसरवानी गगोरी, श्री साधराम साव, श्री रामकृष्ण केसरवानी, श्रीमती त्रिवेणी देवी केसरवानी सरपंच रहीं और वर्तमान में डाॅ. संजय केसरवानी लखुर्री पंचायत के सरपंच और श्री प्रकाश केसरवानी पंच हैं। सम्प्रति इस वंश की बहू श्रीमती मनोरमा केसरवानी शिवरीनारायण नगर पंचायत की अध्यक्ष और श्री महेश केसरवानी पार्षद हैं। श्रीमती कल्याणी केसरवानी लायनेस क्लब चांपा की अध्यक्ष रहीं और सम्प्रति केसरवानी महिला सभा चांपा की अध्यक्ष और प्रदेश महिला सभा की कोषाध्यक्ष के अलावा अखिल भारतीय केसरवानी वैश्य महिला महासभा की द्वितीय कार्यकारिणी में राष्ट्रीय महामंत्री और तृतीय कार्यकारिणी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के दायित्व में पूरे देश में महिलाओं को समाजिक कार्य करने के लिए प्रेरित किया। केसरवानी वैश्य महासभा में विभिन्न पदों के दायित्व को निभाते हुए सम्प्रति केसरवानी वेलफेयर ट्रस्ट की महिला ईकाई की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। श्री जगदीश प्रसाद केसरवानी और श्री गौटियाराम केसरवानी, श्री महेशराम केसरवानी, श्रीमती सविता केसरवानी, श्री अजय केसरवानी, श्री क्रांति केसरवानी, श्री चंद्रकुमार केसरवानी और श्री राजेश केसरवानी, श्री अतुल केशरवानी और श्री साकेत केशरवानी छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के लीडिंग प्रेक्टिशनर हैं। श्री मनोज केसरवानी नई दिल्ली में टाइम्स आॅफ इंडिया के फोटोग्राफर हैं। इस वंश के बहुत सदस्य व्यापार में भी संलग्न हैं और छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न नगरों में निवास करते हैं। (केसर ज्योति से साभार )
कुलदेव महेश्वर महादेव  महेश्वर महादेव मंदिर और तालाब हसुवा 


माखन साव घाट 
शिवरीनारायण में स्कूल भवन बनवाकर दान किया 

    
केशरवानी भवन शिवरीनारायण 

लखुर्री का रामचंद्र तालाब 

सोंठी में आश्रम के लिए दान 

शिवरीनारायण में केशरवानी भवन के लिए भूमि दान 

सारंगढ़ में खाड़ाबंध तालाब के तट पर केसरवानी भवन के लिए भूमि दान 

शिवरीनारायण का स्कूल बिल्डिंग 









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