माखन वंश का राजीनामा बंटवारा

माखन वंश का राजीनामा बंटवारा 

    छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध वृहत्तर माखनसाव परिवार का सन् 1956-57 में आपसी राजीनामा बंटवारा हुआ। राजीनामा बंटवारा आवेदन दिनांक 13.03.1962 को न्यायालय में प्रस्तुत हुआ और दिनांक दिनांक 28.06.1975 को न्यायालय से पक्की डिग्री हुई जिसके अनुसार परिवारजन अपने हिस्से में काबिज हुए हैं। राजीनामा बंटवारा निम्नानुसार है:- 
  1. श्याम मानोहर साव, झड़ीसाव, मोहनलाल साव और जोहनलाल साव वल्द आत्माराम साव (भादा-बेल्हा परिवार) को आठ पाई हिस्से में मौजा भादा, गोमदा 16 आना महान सहित तथा कमरीद में 50 एकड़ जमीन, नवापारा (कटगी) शिवरीनारायण के नया घर का आधा, सीताराम बाड़ा का आधा, भादा और बेल्हा का मकान, सारंगढ़ का धर्मशाला (जो अब केशरवानी भवन है) और भादा का अमराई हिस्से में मिला। श्याममनोहर साव को मौजा बेल्हा जेठौसी में दिया गया। 
  2. श्यामलाल साव को आठ पाई हिस्से में मौजा सिल्ली का 16 आना कृषि भूमि मकान सहित, कमरीद में 50 एकड़ जमीन, केसला में जमीन, शिवरीनारायण का बांस बाड़ा, जूना बिलासपुर का घर और फुलवारी में जमीनें मिला। 
  3. मदनलाल, तिजाऊप्रसाद, पुनीराम और छोटेलाल वल्द लक्ष्मण उर्फ खम्हारी साव और अहिल्या बाई बेवा साहेबलाल, कलामती बेवा खम्हारी साव को आठ पाई हिस्से में मौजा खपरीडीह 16 आना मकान सहित, कमरीद में 50 एकड़ जमीन, मुड़पार के जमीन साढ़े ग्यारह रूपये लगान की जमीन को छोड़कर, शिवरीनारायण नया घर का आधा, सीताराम बाड़ा का आधा, मुड़पार का मकान और फुलवारी में जमीन मिला। 
  4. शिवभूषण वल्द कुंदनलाल, दुलारी बाई बेवा कुंदनलाल, समारू और पंजालाल पिता श्यामसुंदर साव, हीरालाल, चिंताराम साव, दसमत बाई बेवा धनसाय को दो आना हिस्से में मौजा कमरीद के 220 एकड़ को छोड़कर बाकी कुल जमीन, मौजा कांसा, गोधना, हरदीनवापारा के साथ कमरीद की हवेली, डोंगा कोहरौद का ढाबा, गोधना का मकान, जांजगीर के पुरानी बस्ती का मकान कमरीद के अमराई कक सभी पेड़ के साथ हरदीनवापारा और कोसरी का मकान तथा फुलवारी में जमीन मिला। 
  5. शिवरीनारायण का मनिहारी दुकान मदनलाल और उसके हकीकी भाईयों मय सामान दिया गया। 
  6. शिवरीनारायण और भोगहापारा के अमराई में आम का झाड़ दो़ आना हिस्सा श्याम मनोहर साव और उसके हकीकी भाईयों को, दो आना हिस्सा श्यामलाल साव और दो आना हिस्सा मदनलाल व उसके हकीकी भाईयों, पांच आना राघवसाव और नारायण साव और उसके भाई भतीजों को दिया गया। 
  7. शिवरीनारायण नदी खड़ का दो पटाव का धर्मशाला जो उत्तर दिशा में है, उसे कुल हिस्सेदारों के निस्तार के लिए रहेगा। नदी खंड़ के पश्चिम तरफ के मकान का आधा हिस्सा राघवसाव और आधा हिस्सा नारायण साव के भाई और भतीजों को दिया जाता है। 
  8. शिवरीनारायण के महाजनी खाते की वसूली जो श्रीनिवास और ठंडाराम कुरीयारी को छोड़कर दीगर वसूली श्याम मनोहर साव और उसके हकीकी भाईयों का रहेगा। 
  9. शिवरीनारायण के फुलवारी में जमीन और मकान नक्शानुसार हिस्सेदारों का रहेगा। 
  10. साधराम साव लखुर्री को एक आना नौ पाई हिस्से में मौजा लखुर्री, मौहाडीह, कोन्हापाट, लखाली, पोड़ी, बम्हनीडीह तथा कचंदा के कुल जमीन का आधा हिस्सा, बेलकर्री का 16 आना जमीन, लखुर्री के हवेली आ आधा, बम्हनीडीह मकान का आधा, बेलकर्री का पूरा मकान, शिवरीनारायण का लक्ष्मण बाड़ा पूरा और सोंठी का जमीन, कुआं सहित महान, लखुर्री के अमराई का आधा पेड़ और मौहाडीह के कुल आम के पेड़ का आधा मिला। 
  11. रामचंद्र साव, देवचरण साव और चमरूसाव (खखुर्री परिवार) को एक आना नौ पाई हिस्से मौजा लखुर्री, मौहाडीह, कोन्हापाट, लखाली पोड़ी, बम्हनीडीह तथा कचंदा के कुल जमीन का आधा हिस्सा, चोरहादेवरी, मुक्ता का पूरा जमीन, मौहाडीह मकान का आधा, लखुर्री हवेली का आधा, मुक्ता स्टेशन का मकान, चांपा का मकान, बम्हनीडीह मकान का आधा, तालदेवरी का पूरा मकान, महुदा का आधा मकान के साथ लखुर्री तथा मौहाडीह के अमराई के कुल पेड़ का आधा और शिवरीनारायण के फुलवारी का बैंक वाला मकान मिला। 
  12. इच्छाराम, मन्नाराम, बैसाखूराम वल्द नंदराम साव, ईतवारी वल्द हरिराम साव, प्यारेलाल, रामलाल, भगवाना वल्द ताराचंद्र, सुमित्रादेवी बेवा ताराचंद्र, धन्नाराम गोदी पुत्र गनपत साव और बलराम साव वल्द बहोरन साव (टाटा-झुमका परिवार) को तीन आना हिस्से में टाटा, झुमका, तौलीडीह (नावापारा), का सोलह आना जमीन, कमरीद में 70 एकड़ जमीन, मौजा पंडरीपाली, शीतलपुर, और बछौडीह का कुल जमीन, टाटा और झुमका का हवेली, पंडरीपाली का पूरा मकान, पुरगांव का पूरा मकान के साथ झुमका, पुरगांव और तौलीडीह अमराई का पूरा हिस्सा और शिवरीनारायण कु फुलवारी में 06 खोली मकान जमीन सहित मिला। 
  13. कृपाराम साव, चंद्रिकासाव, सूरजदीन साव, विद्याधर साव वल्द बलभद्र साव, लखनलाल साव वल्द गोकुल साव, महेत्तर और झाड़ु वल्द प्रहलाद साव और गिरीचंद्र वल्द बैजनाथ साव (हसुवा परिवार) को मौजा हसुवा की हवेली सहित 16 आना जमीन, मुसली का ढाबा, हसुवा और नवापारा (कटगी) के अमराई का पूड़ा पेड़ तथा शिवरीनारायण के फुलवारी में जमीन मिला। 
  14. राघवसाव वल्द पचकौड़ साव (साजापाली परिवार) को एक आना नौ पाई हिस्से में मौजा साजापाली, दौराभाठा, बेलादूला, बरगांव के कुल जमीन का आधा, चंडीपारा (पामगढ़), अमोदी, झरप, भंवरेली, नवागांव, सरवानी और परसापाली का जमीन मिला। शिवरीनारायण हवेली (पुराना घर), बेलादूला और साजापाली के हवेली का आधा, नवागढ़ का मकान और ढाबा, रायपुर के मकान का आधा, बरगांव के मकान का आधा और शिवरीनारायण के नदी खड़ के पश्चिम तरफ के मकान का आधा हिस्सा मिला। 
  15. भैरवलाल, बंशीलाल वल्द लक्ष्मीप्रसाद साव, उर्मिला देवी बेवा लक्ष्मीप्रसाद, नारायण और कमला साव वल्द महादेव साव (साजापाली परिवार),को ऐ आना नौ पाई हिस्से में मौजा साजापाली, दौराभाठा, बेलादूला, बरगांव के कुल जमीन का आधा, मुड़पार के साढ़े ग्यारह आना लगान की जमीन, मानाकोनी और करमंदी का पूरा जमीन मिला। शिवरीनाराण, बेलादूला, साजापाली, बरगांव की हवेली का आधा, रायपुर के मकान का आधा, तुस्मा व मुड़पार का ढाबा और शिवरीनारायण में नदी खड़ के पश्चिम तरफ के मकान का आधा मिला। 
  16. अतिरिक्त जिला न्यायधीश बिलासपुर के आदेशानुसार मनोहर उर्फ मलेच्छ चंदनशाह के रूपये तहसीलदार जांजगीर में शिवप्रसाद रावत और अमीर अली के रूपये सभी फरीकान अपने अपने हिस्से के मुताबिक ले लेंगे, माना जावेगा।

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